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बक्सर के चंदन मिश्रा की हत्या: दोस्त से दुश्मन बना शेरू!
PJPrashant Jha2
FollowJul 19, 2025 11:08:25
Patna, Bihar
बिहार का बक्सर- यह वो शहर है जिसने भगवान् राम को शिक्षा दी और गंगा किनारे की धार्मिकता ने लोंगो को शांति दी लेकिन इसी शहर के दो दोस्तों के नामों ने उतनी ही दहशत दी. चंदन मिश्रा और शेरू सिंह उर्फ ओंकारनाथ के जुर्म दास्ताँ यह कि जैसे ही चंदन-शेरू शहर में निकलते दुकानों की शटर बंद कर दी जाति और गलियों में सन्नाटा पसर जाता. इस शहर की पुलिस भी अंडरस्टैंडिंग मोड में चली जाती क्योंकि जान सबको प्यारा है .
इन दोनों की जोड़ी ऐसी थी की एक गाड़ी स्टार्ट करता, दूसरा सीधे गोली चलाता. 20 साल की उम्र में ही इन दोनों ने मिलकर आठ हत्याएं कर दी वो भी महज़ फिरौती के लिए. जिस उम्र में लड़के बीए का फार्म भरते हैं, ये दोनों AK-47 का ट्रिगर दबा रहे थे.
सूत्रों के मुताबिक़ इसी बीच शेरू की नजर चंदन की रिश्तेदार बहन पर क्या पड़ी, कहानी में नया मोड़ आ गया . राजपूत लड़का और ब्राह्मण लड़की का नाम जैसे ही चौक-चौराहों पर आया, इज्ज़त का कफन फटकर लहरा गया. चंदन की मर्दानगी को ललकारा गया और वहीं से दोस्ती का जनाज़ा उठ गया.
पटना के पारस हॉस्पिटल में 17 जुलाई को पांच शूटर फिल्मी स्टाइल में सीधे आईसीयू के वार्ड नंबर 209 में पहुंचकर चंदन को अंधाधुंध गोलियों से मौत की घात उतार देते हैं . ना हड़बड़ी, ना अफरा-तफरी. ह्त्या का मिशन पूरा करने के बाद VIP स्टाइल में सभी शूटर निकल जाते हैं. और फिर ये सारे शूटर गायब हो जाते हैं और पुलिस इनकी तलाश में कई टीम बनाकर जब इनके पास पश्चिम बंगाल पहुंची तो साजिश का खुलासा हुआ कि बंगाल के पुरूलिया जेल से इस हत्या की साजिश रची गई थी. मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि चंदन का वही यार और अब दुश्मन बना शेरू था. सूत्र के मुताबिक़ पुरुलिया जेल में पुलिस की पूछताछ में शेरू ने कबूल किया कि खून का कर्ज था, ब्याज समेत वसूल लिया .
पटना के पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की बेरहमी से हत्या करने के बाद भागे शूटरों को कोलकाता पुलिस के सहयोग से न्यू टाउन इलाके से गिरफ्तार किया गया. बिहार STF और पश्चिम बंगाल पुलिस के जॉइंट ओपरेशन में पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से चार सीधे तौर पर हत्या में शामिल बताए जा रहे हैं.
दरअसल पटना पुलिस की टीम ने एक लीड पर हत्यारों का पीछा किया. सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों के मोबाइल फोन के टावर लोकेशन के आधार पर उन्हें कोलकाता के न्यू टाउन स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी में ट्रैक किया गया. संयुक्त छापेमारी के दौरान पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अब उनसे पूछताछ कर रही है ताकि हत्या के पीछे के असली साजिशकर्ताओं का पता लगाया जा सके.
बक्सर के कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की हुई सनसनीखेज हत्या के मामले में जांच में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या की साजिश तीन दिन पहले ही रची जा चुकी थी और शूटर समनपुरा इलाके में एक अपार्टमेंट में ठिकाना बनाकर वारदात की तैयारी कर रहे थे. शूटरों ने हत्या से पहले ही अपने छुपने का ठिकाना भी फाइनल कर लिया था . और हत्यारों को कोलकाता से नेपाल और बंगलादेश पहुंचाने की तैयारी थी . इसके लिए पंद्रह दिन पहले ही कोलकाता के न्यू टाउन में फ्लैट किराए पर लेकर रखा गया था और एक ट्रेवल एजेंट के जरिये विदेश भेजने की तैयारी थी . न्यू टाउन के पास के फ्लैट में पुलिस को ट्रेवल एजेंट से बातचीत और विदेश जाने के डाक्यूमेंट भी बरामद हुए हैं . शूटरों में हिन्दू और मुसलमान दोनों शामिल थे . सूत्र बताते हैं की कोलकाता पहुंचकर ही सबके सब बंगलादेश भाग जाते पर पासपोर्ट नहीं होने के कारण ये नहीं जा सके . इसीबीच इन लोंगो ने एजेंट के जरिये नेपाल और और फिर नेपाल से बंगलादेश जाने की योजना बनायी थी पर ये विदेश भागते की उससे पहले पकडे गए .
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पारस अस्पताल के पीछे समनपुरा के जीशान नामका क्रिमिनल को भी इसमें जोड़ा गया था और उसकी मदद से दस शूटरों ने पारस अस्पताल के पीछे एक अपार्टमेंट में ठिकाना बनाया था. ये लोग हर दिन अस्पताल की रेकी कर रहे थे. तौसिफ का पारस अस्पताल के कुछ स्टाफ से पहले से पहचान थी.
इस मामले में पुलिस ने समनपुरा से जीशान समेत पांच युवकों को हिरासत में लिया है . इसके अलावा पटना, आरा, बक्सर, गया और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी छापेमारी की गयी . हत्या की साजिश पुरुलिया जेल में बंद अपराधी शेरू द्वारा रची गई थी. सूत्रों के मुताबिक, चंदन की हत्या के लिए शूटर तौसिफ को 10 लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी . शेरू और तौसिफ की मुलाकात पहले बेउर जेल में हुई थी. जहां दोनों के बीच दोस्ती हुई थी. तौसिफ हाल ही में जेल से बाहर निकला था और शेरू ने पुरुलिया जेल से ही उससे संपर्क कर पूरी योजना साझा की थी.
इस हत्याकांड में शास्त्रीनगर थाने में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है. पहला FIR चंदन के पिता मंटू मिश्रा ने दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ पर भी संदेह जताया है. FIR के अनुसार चंदन मिश्रा को पहले 16 जुलाई को डिस्चार्ज किया जाना था, लेकिन डॉक्टर ने जानबूझकर तारीख 17 जुलाई तय की. दुसरा एफआईआर अटेंडेंट दुर्गेश पाठक के बयान पर दर्ज हुई है. दुर्गेश ने आरोप लगाया कि गोली चलने के बाद वह काफी देर तक चिल्लाता रहा, लेकिन अस्पताल का स्टाफ करीब 15 मिनट बाद ही कमरे में आया.
घटना को अंजाम देने के बाद शूटर तौसिफ पटना से 130 किलोमीटर दूर गया स्थित अपने घर पहुंचा और बहन को लेकर ससुराल गया. वह वहीं से बहन के फोन से मदर की जानकारी किसी को शेयर किया और गया से सीधे पश्चिम बंगाल पहुँच गया . जहाँ पहले से बांकी शूटर पहुंचे हुए थे .
पुलिस ने इस हत्याकांड में शूटरों को शरण देने, हथियार और बाइक उपलब्ध कराने वाले छह लोंगो को गिरफ्तार किया है. फुलवारी, समनपुरा, बक्सर और आरा में की गई छापेमारी के बाद आठ संदिग्धों को उठाया गया जिनमें से दो को पूछताछ के बाद पीआर बांड पर छोड़ दिया गया, जबकि छह पर संलिप्तता के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं.
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