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हरियाणा में मानसून की बरसात से किसानों की खुशियाँ लौट आई!

NSNAVEEN SHARMA
Jul 19, 2025 09:00:52
Bhiwani, Haryana
बाईट : भिवानी कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. देवीलाल, किसानों की हरियाणा प्रदेश में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की हो रही है अच्छी बरसात : मौसम वैज्ञानिक भिवानी जिला में औसतन 132 मिलीमीटर बरसात की गई दर्ज, नजदीकी जिलों हिसार, रोहतक व नारनौल में 300 मिलीमीटर से अधिक बरसात दर्ज : मौसम वैज्ञानिक डा. देवीलाल आगामी 3-4 दिनों में होगी हल्की बरसात, इसके बाद मानसून की तेज बरसात का अंदेशा : डा. देवीलाल ज्वार, कपास व बाजरा की फसल को पहुंचा लाभ, नमी बढऩे से कपास में कीट प्रबंधन का किसान रखे ध्यान : मौसम वैज्ञानिक न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री तथा अधिकत्तम 34 से 35 डिग्री सेल्सियस किया गया दर्ज : डा. देवीलाल किसानों का कहना : अच्छी बरसात के चलते डीजल व ईंधन की खपत में आई कमी, सिंचाई का पैसा बचा कपास, ज्वार व बाजरा व अच्छी फसल बरसात ने फसलों को पहुंचाया फायदा : किसान हरियाणा प्रदेश में इन दिनों हो रही मानसून की बरसात ने जहां किसानों के चेहरे खिलाने का कार्य किया है। वही तापमान में भी गिरावट लाकर गर्मी से राहत दी है। हालांकि कुछ स्थानों पर बरसात का पानी खड़ा होने से फसलों को हल्का नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन अधिकत्तर स्थानों पर मानसून की वर्षा का अच्छा फायदा हुआ है। इस बरसात के चलते किसानों का डीजल व बिजली के खपत में कमी आई है। क्योंकि किसानों को प्राकृतिक सिंचाई वर्षा के माध्यम से प्राप्त हो रही है। हरियाणा प्रदेश में अब तक औसत मानसून पिछले वर्षो की तुलना में बेहतर रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इन दिनों न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री तथा अधिकत्तम 34 से 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इस बारे में भिवानी कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. देवीलाल ने बताया कि हरियाणा प्रदेश में जून से सितंबर तक चार महीनों के दौरान दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की बरसात होती है, जो पश्चिम से पूर्व की तरफ बढ़ती है। भिवानी जिला में अब तक कुल 132 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है, जिसमें 44.4 मिलीमीटर जून माह में तथा 87.7 मिलीमीटर बरसात जुलाई माह में अब तक दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि अगले तीन-चार दिन हल्की बरसात होगी, उसके बाद मानसून फिर से तेजी पकड़ेगा तथा भारी बरसात होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि भिवानी एक मरूस्थली क्षेत्र है। ऐसे में यहां की मिट्टी अधिक बरसात को सोखने में सक्षम है। कुछ क्षेत्रों में जहां मिट्टी चिकनी है, वहां उस क्षेत्र के किसानों को फसलों को बचाए रखने के लिए जलभराव को जल्द ठीक करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में खरीफ की फसल को इस बरसात का काफी अच्छा फायदा हो रहा है। ज्वार, कपास व बाजरा की फसल अच्छे से लगी हुई है। कपास में अब फूल आने शुरू हो गए है। अधिक नमी के कारण किसानों को चाहिए कि वे विशेषकर कपास की फसल में कीट प्रकोप का ध्यान रखे। यदि कीट मिलता है तो उसका उपचार कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से जरूर करें। डा. देवीलाल ने बताया कि भिवानी के मुकाबले रोहतक, हिसार व नारनौल में अधिक बरसात हुई है, वहां पर 300 मिलीमीटर तक बरसात दर्ज की गई है। भिवानी जिला के गांव सिपर के किसान ने बताया कि अब तक जो बरसात हुई है, उससे उनकी ज्वार, बाजरा, कपास की फसल को अच्छा फायदा हुआ है तथा फसलों में बढ़ोत्तरी हुई है तथा उनकी डीजल व बिजली की खपत कम हुई है। गौरतलब है कि हरियाणा प्रदेश के सिरसा, हिसार, भिवानी, दादरी, रोहतक, रेवाड़ी, फरीदाबाद, गुडग़ांव कम वर्षा वाले जिले है। जबकि अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरूक्षेत्र, पानीपत, कैथल जिलों में मानसून के दौरान अधिक बरसात होती है।
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