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Etah207001

एटा में श्रवण कुमार बने बेटे, माता-पिता को कांधे पर बैठाकर निकले कांवड़ यात्रा पर!

HDHARSH DWIVEDI
Jul 19, 2025 11:33:20
Etah, Uttar Pradesh
लोकेशन - एटा यूपी। रिपोर्ट- हर्ष द्विवेदी एटा। स्लग - एटा में दिखे दो श्रवण कुमार, कांधे पर माता पिता को बैठाकर निकले कांवर यात्रा पर,परिवार संग की गंगा स्नान की पुनीत यात्रा एंकर - उत्तरप्रदेश के एटा से एक ऐसा प्रेरणादायक दृश्य सामने आया है जिसने हर किसी का दिल छू लिया है जहां एक ओर लोग भोलेनाथ की भक्ति में लीन हैं,वहीं इस कलियुग में बेटों ने अपने माता पिता की गंगा स्नान की इच्छा पूर्ण करने के लिए पत्नी और बच्चों सहित श्रवण कुमार बनकर अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को कांधे पर कांवड़ में बैठाकर यात्रा पर निकले हैं, ये दृश्य एटा के जलेसर कस्बे के मोहल्ला थोक में दिखा जब श्रवण कुमार बने बेटे और पोतों ने दादी और बाबा को कंधे पर कांवर धारण कर कछला गंगा घाट पर गंगा स्नान कराया और जल भरकर वापस ले जा रहे थे,दरअसल जनपद हाथरस के सादाबाद क्षेत्र के बुढ़ाइच गांव के रहने वाले राजकुमार अपने पिता पातीराम और मां अमन देवी को अपनी पत्नी और बेटे योगेश और उसकी पत्नी यशवती और बेटे जितेंद्र उसकी पत्नी गीता देवी निशांत और शिवकेश के साथ बूढ़े माता पिता के साथ कावड़ यात्रा लेकर निकले है, श्रावण मास में जहां पूरा देश भगवान शिव की भक्ति में लीन है, वहीं उत्तरप्रदेश के एटा से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि परिवार के संस्कार और सेवा की भावना को भी दर्शाती है, यह दृश्य है एटा जिले के जलेसर क्षेत्र का जहाँ एक बेटा अपनी पत्नी और बच्चों संग श्रवण कुमार की भूमिका निभाते हुए अपने माता-पिता को कांवर यात्रा पर लेकर जाते दिख रहे हैं जिसकी लोग काफी प्रशंसा कर रहे है, यात्रा की शुरुआत कछला गंगा घाट से हुई और ये परिवार एटा होते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे है, इस परिवार ने कांवर में जल भरने के साथ-साथ अपने माता-पिता को विशेष झूलेनुमा कांवर में बैठाकर पूरे मार्ग में खुद अपने कंधों पर उठाते हुए जा रहे है। धूप,थकान और लंबा सफर इन सबका असर इनकी आस्था और सेवा भावना पर ज़रा भी नहीं पड़ा, आज के आधुनिक युग में जहां रिश्तों में व्यस्तता और दूरी बढ़ती जा रही है, वहां इस तरह की मिसालें समाज को एक नई दिशा देती हैं, इन बेटों को देखकर न सिर्फ माता-पिता गर्व महसूस कर रहे हैं, बल्कि राह चलते श्रद्धालु और आम लोग भी उन्हें देख कर नमन कर रहे हैं, यह सच है कि आज भी श्रवण कुमार जैसे बेटे हमारे देश और समाज में हैं, जो अपनी श्रद्धा, सेवाभाव और संस्कारों से पूरे समाज के लिए मिसाल बन रहे हैं। कछला से एटा होते हुए जलेसर से गुजरते हुए किया भावनात्मक सफर तय, श्रद्धा, सेवा और संस्कार की मिसाल बने दो युवा — जय भोलेनाथ का उद्घोष करते हुए तय कर रहे है अपनी मंजिल। बाइट - राजकुमार (बेटा) रिपोर्ट - हर्ष द्विवेदी एटा।
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