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Prayagraj211002

प्रयागराज में बाढ़ से हाहाकार, नावों की जगह सड़कों पर चल रहीं नावें!

MGMohd Gufran
Jul 19, 2025 04:34:09
Prayagraj, Uttar Pradesh
संगम नगरी में गंगा और यमुना का उफान जारी, दो दर्जन से अधिक इलाके बाढ़ की चपेट में, गंगा और यमुना के तटवर्ती दर्जनभर से अधिक इलाकों में बाढ़ का खतरा, सड़कों पर पहुंचा गंगा और यमुना का जल, सड़कों पर गाड़ियों की जगह चल रहीं नावें, वहीं संगम क्षेत्र में नावों के संचालन पर लगाई गई रोक, सुरक्षा के लिहाज से संगम क्षेत्र में नावों के संचालन पर लगाई गई रोक। एंकर -- संगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ से हालात खराब होने लगे हैं। दो दर्जन से अधिक इलाके गंगा और यमुना की बाढ़ के चपेट में आ गए हैं, झूंसी के बदरा सोनौटी, हेता पट्टी, मुंशी का पुरा गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके चलते यहां रहने वाले करीब दस हजार लोगों को घरों में कैद होना पड़ा है। बदरा सोनौटी का संपर्क मार्ग बाढ़ की जद में है, जिस सड़क पर गाड़ियां फर्राटे भर्ती थीं, वहां अब नावें चल रहीं हैं, जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग नाव के सहारे या फिर पानी के बीच से आने जाने के लिए मजबूर हैं। 1 - वॉक थ्रू... बदरा सोनौटी इलाके से बाइट -- रग्घू यादव, बाढ़ पीड़ित बाइट -- राजेंद्र सिंह चौहान, बाढ़ पीड़ित बाइट -- महेंद्र सिंह, बाढ़ है बाइट -- सुखधरी लाल, नाविक बाइट -- भीम, नाविक वहीं प्रयागराज के दारागंज इलाके की मुख्य सड़क भी बाढ़ के चलते डूब गई है। दशाश्वमेध घाट, श्मशान घाट समेत 50 से अधिक मकान और मठ मंदिर भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इतना ही नहीं दारागंज इलाके में स्थित एसटीपी और निराला चौराहे के पास बना पार्क भी जलमग्न हो गया है। 2- वॉक थ्रू... दारागंज इलाके से... संगम नगरी में आई बाढ़ नाविकों के लिए मुसीबत का सबब बनकर आई है। गंगा और यमुना में बढ़ते जलस्तर और संगम क्षेत्र के जलमग्न होने के चलते एहतियातन नावों के संचालन पर रोक लगा दिया गया है। क्योंकि संगम क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न है, ऐसे में नावों के संभावित हादसों से बचने के लिए संगम क्षेत्र में नावों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। सिर्फ गंगा के राम घाट तक ही नावों के जाने की अनुमति है। ऐसे में बड़ी संख्या में नावें अब खड़ी हो गईं हैं। जिसके चलते नाविकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। 3- वॉक थ्रू... खड़ी नावें और संगम क्षेत्र दिखाते हुए... प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर अब ग्रामीण इलाकों में पहुंचने लगा है। शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर कोरांव इलाके के 5 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। करछना इलाके के भी कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगापार के कछारी इलाके के गांव मोरहूं, गद्दोपुर, गंगागंज, फ़तुकपुर समेत कई अन्य इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिस रफ्तार से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, इससे माना जा रहा है कि अगले दो दिनों में गंगा के तटवर्ती बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर चिल्ला, नेवादा, नयापुरवा, ऊंचवागढ़ी और गंगानगर के इलाकों में बाढ़ तबाही लेकर आएगी। वहीं बाढ़ के संभावित खतरों को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कह दिया गया है। बाढ़ राहत शिविर भी बना दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावितों को शिविरों में जरूरी सहूलियत और सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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