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Korba495682

हाथियों का आतंक: किसानों की फसलें और भविष्य खतरे में!

NDNEELAM DAS PADWAR
Jul 20, 2025 05:03:02
Korba, Chhattisgarh
एंकर :- कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल के ग्राम चोटिया, बनिया क्षेत्र में 35 हाथियों के एक झुंड ने तबाही मचा रखा है। यहाँ हाथियों का झुण्ड खेतों में लगाईं फसलों को पैरों से रौंदकर चौपट कर रहे हैं। खेतो मे दिख रहे पैरो के निशान इस बात की गवाही दे रहे हैं कि हाथियों ने किस तरह खेतोँ पर कहर बरपाया है, इस कहर से ग्राम चोटिया, बनिया के कुछ किसान इन दिनों खेती करना ही छोड़ दिए हैं। खेतों में घुसे हाथियों ने सिर्फ धान की फसलों को ही नहीं रौंदा है बल्कि कई किसानों की मेहनत को भी पल भर में मिट्टी में मिला दिया। पहले से ही ग्रामीण हाथियों के खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं अब उनकी फसलें उजड़ने से भविष्य में उनके सामने भूख मरने कि नौबत भी आ सकती हैं। वन विभाग की टीम हाथियों की निगरानी कर तो रही है, लेकिन झुंड को गांवों से खदेड़ने में अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। विभाग सिर्फ नुकसान का आंकलन कर रहा है, लेकिन जमीन पर राहत नजर नहीं आ रहा है। ये कोई पहली घटना नहीं है लेकिन सवाल यही है  आखिर कब तक? कब तक किसान अपनी फसलों को यूं ही उजड़ते देखता रहेगा? और कब तक ग्रामीण अपने ही गांव में डर के साये में जीने को मजबूर रहेंगे। ग्रामीणों कि माने तो डर का आलम ये है कि ग्रामीण रात में सो नहीं पाते। लेकिन कुछ जुगाड़ों से अपनी जान बचा लेते हैँ लेकिन खेत में लगे फसलों को हाथियों से बचाना मुश्किल हैं, गांव से बाहर निकलना जोखिम भरा है क्यूंकि पहले ही गाँव में हाथियों ने तीन व्यक्तियों को मार डाला है। गौरतलब हैं कि हाथियों द्वारा हर साल करीब 200 एकड़ की फसल को नुकसान किया जाता है।  वहीं सरकार हाथी से हुए नुकसान के लिए हर साल एवरेज करीब 20 लाख रुपए मुआवजा देती है। मगर इस आपदा पर स्थाई रूप अंकुश लगाने के लिए सरकार के पास कोई उपाय नहीं है। कुछ किसानो को मुआवजा भी सही समय पर नहीं मिल पाता जिससे किसान नुकसान कि भरपाई नहीं कर पाते। बाइट :- किसान बाइट :- किसान बाइट :- किसान
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