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छांगुर बाबा का बड़ा खुलासा: हवाला से जमीन हड़पने की साज़िश!

PTPawan Tiwari
Jul 20, 2025 10:32:14
Balrampur, Uttar Pradesh
बलरामपुर धर्मांतरण मामले में फंसे छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क की करतूतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस गिरोह की एक और बड़ी साज़िश का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें हवाला के पैसों के जरिए फर्जी दस्तावेजों से ज़मीन हड़पने की योजना का खुलासा हुआ है। उतरौला क्षेत्र के मसीहाबाद ग्रांट निवासी पीड़ित सोहेल खान सामने आए हैं, जिन्होंने बाबा और उसकी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित का कहना है कि जो लोग कभी सोहेल खान के मुताबिक, उनके नाना इनामुल्ला खान छीपीया, जो उतरौला ग्रामीण के निवासी थे, की 100 बीघा ज़मीन उतरौला नगर क्षेत्र में स्थित है। उनके नाना की छह बेटियाँ थीं और एक बेटा, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में संपत्ति की स्वाभाविक उत्तराधिकार बेटियों के नाम होनी थी। लेकिन छांगुर बाबा के गिरोह ने धोखाधड़ी का सहारा लेते हुए एक महिला को मृतक की पत्नी बताकर फर्जी दस्तावेज़ों से बैनामा करवा लिया। सोहेल ने बताया कि जिस महिला को मृतक की पत्नी दर्शाया गया, उसके तीन अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र तैयार कराए गए। यह साजिश इतनी सुनियोजित थी कि बैनामे के सभी दस्तावेज़ों को वैध दिखाने की पूरी कोशिश की गई। जब पीड़ित ने इस फर्जीवाड़े के खिलाफ न्यायालय का रुख किया, तो प्रशासनिक मिलीभगत के चलते बार-बार उनके मुकदमे खारिज होते रहे। इस दौरान बाबा की करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन, जिसे गिरोह में ‘नर्सरी’ के नाम से जाना जाता है, ने पीड़ित सोहेल को बुलाकर धमकी दी। सोहेल ने बताया, “नीतू ने मुझे साफ शब्दों में कहा कि यह जमीन का मामला छोड़ दो। इसमें मेरा 44 लाख रुपए लगा हुआ है, जो चेन्नई से आया है। अगर तुमने पीछे नहीं हटे, तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।” पीड़ित का कहना है कि यह 44 लाख रुपये हवाला के जरिए भेजे गए थे और इसी रकम का उपयोग ज़मीन कब्जाने में किया गया। सोहेल ने बताया कि वह बहुत डर गया था क्योंकि इस गैंग का नेटवर्क बहुत मजबूत है और जो भी इसके खिलाफ जाता है, उसे फर्जी मुकदमों, मारपीट और धमकियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए वह लंबे समय तक चुप रहा और घर में ही दुबका रहा। सोहेल ने बताया कि जब बाबा के खिलाफ धर्मांतरण मामले में कार्रवाई शुरू हुई और गिरोह पर शिकंजा कसने लगा, तभी उन्हें हिम्मत आई और वह सामने आकर अपनी बात रखने लगे। “अब जाकर मुझे थोड़ी हिम्मत मिली है, लेकिन आज भी मुझे जान का खतरा बना हुआ है। बाबा का गैंग आज भी क्षेत्र में सक्रिय है और मुझे लगातार दबाव व धमकियां मिल रही हैं,” उन्होंने कहा। इस खुलासे से साफ होता है कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगी केवल धर्मांतरण ही नहीं, बल्कि जमीनों की हेराफेरी और हवाला फंडिंग जैसी संगठित आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल थे। यह कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि योजनाबद्ध, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर गंभीर अपराध है, जिसमें कई प्रभावशाली लोग भी संलिप्त हो सकते हैं। सोहेल खान ने स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है और मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की है। साथ ही नीतू उर्फ नर्सरी और इस गैंग के अन्य सदस्यों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की माँग की है। बाबा के रैकेट से जुड़ी यह नई परत उजागर होने से यह स्पष्ट हो गया है कि मामला सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक अपराधों और सरकारी तंत्र के दुरुपयोग से भी जुड़ा हुआ है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और निष्पक्षता से कार्य करता है।
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