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लोधेश्वर महादेव धाम में श्रद्धा का सैलाब, लाखों कांवड़ यात्री पहुंचे!
NSNITIN SRIVASTAVA
FollowJul 20, 2025 16:30:52
Barabanki, Uttar Pradesh
Barabanki Story-सावन सोमवार से पहले श्रद्धा का सैलाब, लोधेश्वर महादेव धाम की ओर बढ़े लाखों कांवड़ यात्री, नंगे पांव खिंच रही आस्था की लकीर
बाराबंकी जनपद के पौराणिक लोधेश्वर महादेव धाम में सावन के दूसरे सोमवार से पहले ही शिवभक्तों का भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा है। रविवार को जिले के भीतर और आसपास के रास्तों पर हजारों कांवड़ यात्री भगवान शिव के जलाभिषेक की कामना लेकर नंगे पांव निकल पड़े। यह महज एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि शिवभक्ति में समर्पण और आस्था की एक जीवंत तस्वीर बन चुकी है।
बता दें कि कल सावन का दूसरा सोमवार है जिससे एक दिन पहले ही जिले के विभिन्न मार्गों पर कांवड़ यात्री की कतारें दिखाई देने लगीं। श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ की जयकारों के साथ बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव धाम की ओर बढ़ते जा रहे हैं। 'हर हर महादेव' और 'बोल बम' के जयघोषों से वातावरण भक्तिमय दिख रहा है।
श्रद्धालु तपती सड़क और पथरीले रास्तों पर नंगे पांव कांवर उठाए बढ़ते जा रहे हैं। कई कांवड़ यात्रियों के पैरों में छाले पड़ चुके हैं लेकिन उनकी आस्था की डोर इतनी मजबूत है कि वे पट्टी बांधकर भी चलते नजर आ रहे हैं। कोई लखनऊ से चला है, कोई गोंडा, अयोध्या, सीतापुर और बाराबंकी के दूरदराज गांवों से। सभी का एक ही लक्ष्य है लोधेश्वर पहुंचकर जल चढ़ाना।
लखनऊ से आए एक कांवड़ यात्री ने बताया कि हमने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक के लिए जा रहें हैं, जब तक जल नही चढ़ा लेते तब तक विश्राम नहीं करेंगे। वहीं एक अन्य कांवड़ यात्री ने कहा कि हम अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई और परवरिश के लिए भोलेनाथ के दरबार में जल चढ़ाने जा रहे हैं। सावन में शिवजी की पूजा से सब कुछ संभव है।
वहीं एक महिला कांवड़ यात्री राधा ने बताया कि वह अपने बीमार पति के लिए जल चढ़ाने जा रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति की दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं और अब उनका एकमात्र सहारा भगवान भोलेनाथ हैं। राधा ने कहा कि वह इस आशा के साथ कांवर लेकर निकली हैं कि भोलेनाथ उनकी मनोकामना जरूर पूरी करेंगे और उनके पति को नया जीवन मिलेगा।
बता दें कि बाराबंकी के रामनगर तहसील क्षेत्र में स्थित पौराणिक लोधेश्वर महादेव धाम केवल एक मंदिर नहीं बल्कि बाराबंकी की धार्मिक पहचान है। यह महाभारत कालीन तीर्थस्थल माना जाता है। मान्यता है कि पांडवों ने यहां यज्ञ किया था और शिवलिंग की स्थापना की थी। यह धाम 52 दुर्लभ शिव पीठों में से एक है जो न सिर्फ यूपी बल्कि देशभर के भक्तों को आकर्षित करता है। सावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा, चिकित्सा और जलपान की व्यवस्था की हुई है।
बाइट- राधा,कांवड़ यात्री।
बाइट-लखनऊ से आए कांवड़ यात्री।
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