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रवींद्र पुरी महाराज ने सिंहस्थ तैयारी में राष्ट्रीय नेतृत्व निर्णायक कदम की घोषणा
ASANIMESH SINGH
Dec 02, 2025 16:21:02
Ujjain, Madhya Pradesh
रवींद्र पुरी महाराज ने कहा रrama दल का एक भी सदस्य सिंहस्थ की होने वाली बैठक में नहीं पहुंच पाएगा।
जितने भी महंतों ने अखाड़े की जमीन अपने नाम से की है उन पर जांच के लिए पत्र लिखा गया है।
मुख्यमंत्री कलेक्टर और मेला अधिकारी से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज करेंगे चर्चा।
कल निर्वाचित हुए रrama दल अखाड़े मे पदाधिकारी और सदस्यों की चिंता बढ़ सकती है।
उज्जैन: स्थानीय अखाड़ा परिषद के भंग होते ही धार्मिक हलचल तेज़ हो गई है, जिसके कारण उज्जैन मे वैष्णव और शैव अखाड़ों ने तुरंत अलग राहें चुन ली हैं। उज्जैन मे वैष्णव अखाड़ों ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित करते हुए रामेश्वरदास महाराज को अपना नया अध्यक्ष चुना है, जिससे अखाड़ों के बीच की खाई और गहरी हो गई है। इस नाटकीय घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब स्थानीय समितियां या आखड़े सिंहस्थ कुंभ से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाएंगे; वे केवल अपने निजी स्थानों तक सीमित रहेंगे। पुरी महाराज ने यह भी चेतावनी दी कि शासन की बैठकों में केवल वैध पदाधिकारियों को ही अनुमति मिलेगी, और सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को सुचारू रखने के लिए सभी निर्णय साधु-संतों की सहमति से लिए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, पुरी महाराज ने रामेश्वरदास महाराज के हालिया 'अपमानजनक' बयान पर भी कड़ा एतराज़ जताया। उन्होंने कहा कि पहले साथ रहने पर सब अच्छे थे और अब अलग होने पर संतों को अनुचित बताना मर्यादा के विरुद्ध है। इस विभाजन ने उज्जैन के धार्मिक और प्रशासनिक गलियारों में नए शक्ति समीकरणों को जन्म दिया है, जो आगामी सिंहस्थ कुंभ के प्रबंधन पर गहरा असर डालेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने चर्चा में यह भी बताया कि वह अब आने वाले समय में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन कलेक्टर और मेला अधिकारी के साथ में चर्चा करेंगे और यहाँ बात उनके सामने रखेंगे कि अखाड़ों से जुड़े जो भी कार्य होंगे वह अखाड़े के राष्ट्रीय पदाधिकारी ही करेंगे ना कि स्थानीय अधिकारी या संत जो भी जानकारी सिंहस्त से जुड़ी संतों को देना है तो वह राष्ट्रीय नेतृत्व किसी भी अखाड़े का हो 13 ही अखाड़े के राष्ट्रीय संतों से ही बातचीत की जाए कुल मिलाकर रामा दल अखाड़े का सिंहस्थ की तैयारी में किसी भी तरह के हस्तक्षेप पर रोक लगा दी गई है।
उज्जैन में 13 ही अखाड़े के संतों की जमीन है और उन पर आश्रम भी संचालित हो रहे हैं जिन आश्रम के महंत ने जमीन अपने निजी नाम से कर ली है उन्हें जांच के बाद हटाने की मांग को लेकर पत्र भी लिखे गए हैं और अखाड़ा परिषद की ओर से कार्रवाई की बात भी कही गई है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज का साफ तौर पर कहना है कि अखाड़े की जमीन रजिस्टर्ड अखाड़े के नाम से ही होना चाहिए किसी निजी महंत के नाम से जमीन नहीं होना चाहिए।
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