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Gautam Buddha Nagar201304
IndiGo कैप्टनों की खुली चिट्ठी: वेतन, थकान और सुरक्षा पर सरकार से मदद मांग
AKAshok Kumar1
Dec 09, 2025 02:46:54
Noida, Uttar Pradesh
OPEN LETTER FROM INDIGO CAPTAINS To the Government of India, DGCA, the Aviation Ministry, and the People of India We, the captains and first officers of IndiGo, write this letter with heavy hearts and deep pain. This is not a complaint — this is a cry for help. We love our profession. We have spent our lives training to protect passengers and uphold aviation safety. But today, we are breaking — silently, invisibly, and alone. Life as an IndiGo Captain Today What was once a respected profession now feels like living under fear and controlled silence. At IndiGo, speaking up about safety, fatigue, or unfair treatment often feels like risking your career. Many of us believe that raising genuine concerns is met with intimidation rather than support. We flew through Covid — risking our lives and families — while the world stayed at home. We flew with fear, with uncertainty, with tears behind closed doors. We did not abandon the airline. But after the crisis, it feels like the airline abandoned us. Painful Reality Our salaries were cut by nearly half. Allowances vanished. Inflation skyrocketed. EMIs and school fees kept rising. But our pay never returned to what it was — let alone what it should be. IndiGo bounced back to record-breaking profits, new aircraft orders, expansion, celebrations at the top… Yet the pilots and cabin crew who carried the airline through its worst days are left struggling to survive. Today, many captains are: Cutting down essential family expenses Living with debt and financial stress Missing time with children Flying while mentally and physically exhausted We are responsible for hundreds of lives every day, yet treated like numbers and replaceable parts. Rosters Designed to Break Humans Continuous four-sector days, minimum rest, aircraft swaps, night after night with no real sleep — this is our reality. Fatigue reports are made, but instead of action, we feel pressure and fear. Rest is just enough to survive. Not enough to live. How can a tired pilot protect 180 passengers? How long can human endurance replace proper planning? Leadership That Pilots Fear, Not Respect The deepest wound is the culture inside. Pilots feel humiliated, disrespected, and scared to speak. Many pilots describe senior managers such as: Ashim Mitra — seen as clinging to power while pilots suffer Akshay Mohan — perceived as pushing to squeeze pilots even more Rahul Patil — remembered for fear, shouting, and intimidation Tapas Dey — infamous for saying “beggars can’t be choosers” Instead of protecting pilots, many believe they protect their positions and power. We ask: Is this leadership, or is this exploitation? The Recent Meltdown — A Result of Broken Systems In November 2025, senior leadership reportedly told pilots that the airline was overstaffed and needed further cuts. Days later, IndiGo collapsed into massive cancellations — over a thousand flights disrupted, passengers stranded across the country. How can a company with “excess pilots” suddenly fall apart due to pilot shortages and planning failures? The public suffered. Pilots were blamed. Leadership stayed silent. What We Are Asking For We are not asking for luxury. We are not asking for power. We are asking for basic dignity and fairness. Our demands: 1. Restore salaries and allowances to realistic, inflation-adjusted levels 2. Respect human limits — no more roster torture disguised as efficiency 3. Create an independent pilot body elected by pilots, not appointed by management 4. Protect whistle-blowers and safety reporting 5. Replace individuals who built careers by breaking the workforce 6. Government intervention to enforce minimum standards for fatigue, manpower, and pay Our Final Words We are exhausted. We are disheartened. We are losing health, peace, and family life. But the greatest fear is this: We are being pushed to fly airplanes while mentally broken and physically fatigued — and that is a safety risk for the entire nation. IndiGo was built not just by corporate offices, but by pilots, engineers, cabin crew, and ground staff. Without us, airplanes do not move. Safety does not exist. Passengers do not fly. We are not enemies. We are not machines. We are human beings. All we want is to fly with dignity again. We request the Government of India, DGCA, and the citizens of India to stand with us. For safety. For respect. For fairness. For the future of aviation. — From the Captains and First Officers of IndiGo
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Dec 09, 2025 03:37:07
Kanpur, Uttar Pradesh:कानपुर विद्युत विभाग लगातार वसूली को लेकर गंभीर नजर आ रहा है,, इसी को लेकर ओटीएस स्कीम की शुरुआत की गई है,, मीडिया प्रभारी देवेंद्र वर्मा ने बताया कि इस ओटीएस स्कीम में पात्रता को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं,, अभी तक 31 मार्च से पहले अपनी एक भी किस्त जमा करने वाले उपभोक्ताओं को पात्रता का लाभ मिल रहा था जबकि अब ऐसे पात्रों को भी इसका लाभ दिया जाएगा जिन्होंने 31 मार्च के बाद एक भी किस्त जमा की है,, उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग की ओर से उठाए गए इस कदम का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा वसूली है, उन्होंने कहा कि ओटीएस स्कीम के माध्यम से विद्युत उपभोक्ताओं को सरल तरह से बिजली का बिल जमा करने का एक विकल्प दिया जा रहा है ।
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SBSharad Bhardwaj
Dec 09, 2025 03:35:18
Delhi, Delhi:दिल्ली का प्रदूषण लोगो को परेशानी मे डाल रहा है. दिल्ली के लोग बोले सरकार प्रदूषण को लेकर ओर ज्यादा सख्त हो. दिल्ली मे हल्की ठंड के बीच AQI से कुछ ही राहत मिली है. दिल्ली के इलाकों मे 250 से लेकर 300 के पार है. सागरपुर 326 AQI. दिल्ली कैंट 328 AQI. बसंत बिहार 328 AQI. वसंत कुंज 326 AQI. मोती बाग 329 AQI. दिल्ली सरकार लगातार प्रदूषण को कंट्रोल करने मे लगी हुई है लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं है. लगातार सरकार पर आरोप लगा रहे है. दिल्ली का प्रदूषण कंट्रोल मे नहीं है. वही के लोगो का कहना दिल्ली मे प्रदूषण कही बीमारी पैदा कर रहा है;Chest pain, cough, eyes burning, breathlessness जैसी बीमारी होने लगी है. दिल्ली का प्रदूषण लोगो को परेशानी मे डाल रहा है. दिल्ली के लोग का कहना सरकार प्रदूषण को लेकर ओर ज्यादा सख्त हो ताकि दिल्ली की हवा जो खराब हो चुकी है वो हवा शुद्ध हो सके.
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MKMANTUN KUMAR ROY
Dec 09, 2025 03:34:24
Bihar:समस्तीपुर में अतिक्रमण हटाने पर सैकड़ों पीड़ित परिवारों ने समाहरणालय पहुंचकर DM से लगाई गुहार, मुआवज़ा व न्याय की मांग तेज समस्तीपुर समाहरणालय में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष अपनी समस्या को लेकर डीएम से फ़रियाद करने पहुंच गए I पहले तो समाहरणालय गेट पर मौजूद सुरक्षा गार्ड ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की, बाबजूद बड़ी संख्या में हसनपुर प्रखंड से पहुंचे लोग समाहरणालय परिसर में घुसकर बैठ गए. इसी बीच कलेक्ट्रेट पहुंचे डीएम ने उसके प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनकर उन्हें समुचित न्याय का भरोसा दिया I बताते चलें की 4 दिसंबर को हसनपुर प्रखंड के मंगलगढ़ कोठी के 13 एकड़ भूमि पर वर्ष 1993 में अतिक्रमण कारियों ने कब्जा कर रखा था । इस संबंध में कोठी के प्रबंधक विपीन कुमार सिंह ने अतिक्रमण खाली कराने को लेकर न्यायालय में वाद दायर किया था I जिस पर मुकदमा चला। जिसपर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिला प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण खाली कराया गया । अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस को अतिक्रमणकारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।अतिक्रमणकारियों ने टीम पर हमला कर दिया। इस दौरान रोड़ेबाजी और आगजनी भी हुई। इस घटना में करीब एक दर्जन लोग चोटिल हो गये। प्रशासन की ओर से जेसीबी की मदद से लगभग 280 झुग्गी झोपड़ियां, खपरापोश और एस्बेस्टस के घरों को हटाया गया। इस दौरान पत्थरबाजी आगजनी की घटनाएं भी हुई। इसमें एक महिला हीरा देवी गंभीर रूप से जख्मी हो गई। प्रशासन ने दमकल मंगवा कर आग पर काबू पाया। इसके बाद अतिक्रमण हटाया गया था । अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन के रवैये से नाराज़ सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष आज समाहरणालय पहुंचे I पीड़ित लोगों का कहना था कि उस जमीन पर सैकड़ों परिवार पिछले कई दशक से रह रहे थे I गुरुवार को अचानक प्रशासन की मौजूदगी में दबंगों ने अतिक्रमण हटाने के बहाने लोगों के साथ न सिर्फ मारपीट की बल्कि घर में रखे उनके सारे समान को तहस नहस कर आग लगा दिया I पीड़ित लोगों का कहना है कि इस कारवाई में उनका सब कुछ खत्म हो गया है I जिस कारण इस ठंड में पन्नी टांग कर रहने को मजबूर है I लेकिन प्रशासन की तरह से उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पा रही है
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SDSurendra Dasila
Dec 09, 2025 03:33:15
Dehradun, Uttarakhand:कांग्रेस के तमाम नेता सिक्खों पर दिए गए बयान के बाद गुरुद्वारों में माफ़ी मांगते दिख रहे हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी हैं, जो देहरादून के आढ़त बाजार गुरुद्वारे में माफ़ी मांगने आए, तो जूतों की साफ-सफाई की सेवा के साथ बर्तन भी धोये; उनके अनुसार गलती हुई है, ऐसे में माफ़ी मांगना ही सबसे बड़ा काम है। हरीश रावत का गुरुद्वारे में माफ़ी मांगना हरक सिंह रावत के लिए भी किसी तमाचे से कम नहीं है। कई बार हरीश रावत इशारों में पार्टी के भीतर अपने विरोधियों के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई कर देते हैं कि जिसका जवाब विरोधी पास नहीं होता। गुरुद्वारे में जुटा सेवा करना भले ही कांग्रेस पार्टी का निर्णय रहा हो, लेकिन हरीश रावत जानते हैं कि इसके बहाने वह अंदर ही अंदर हरक सिंह रावत पर बड़ा हमला कर रहे हैं।
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VRVIJAY RANA
Dec 09, 2025 03:32:14
Chandigarh, Chandigarh:चंडीगढ़ ब्रेकिंग मुख्यमंत्री नायब सैनी की आज चंडीगढ़ में कई बैठकें सुबह 9:30 बजे यूके के डिप्टी हाई कमिश्नर करेंगे सीएम नायब सैनी से मुलाकात मुख्यमंत्री आवास पर होगी मुलाकात सुबह 10:00 बजे मुख्यमंत्री नायब सैनी हरियाणा निवास में एक पुस्तक का करेंगे विमोचन ACS एके सिंह, पूर्व IAS केके खंडेलवाल की किताब " हैंडबुक फॉर एग्जिक्यूटिव मैजिस्ट्रेटस " का करेंगें विमोचन 11:00 बजे हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक लेंगे मुख्यमंत्री नायब सैनी हरियाणा निवास में होगी बैठक 3:00 मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात करेंगे विधायक विधायकों के हलकों के कामकाज संबंधित मुद्दों पर होगी चर्चा 5:00 मुख्यमंत्री से मंत्रियों की होगी मुलाकात मुख्यमंत्री आवास पर होगी मुलाकात
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BKBRAJESH KUMAR
Dec 09, 2025 03:32:03
Khunti, Jharkhand:क्षेत्र - खूँटी । स्लग - कड़ाके की सर्द रात जंगली हाथियों को भगाने में ग्रामीणों ने बिताया खूंटी जिले के जरिया गढ़ वन क्षेत्र के कई गाँवों में रविवार की ठंढी व कड़कड़ाती रात को हाथियों ने कहर व दहशत बरपाया । जहां जरिया गढ़ गाँव में घुस कर दहशत में ला दिया और थाना परिसर में घुसकर पुराना भवन पर प्रहार किया । वहीं गाँव में घुस जाने के बाद लोगों में भय पैदा कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों को कड़कड़ाती ठंड की रात रजाई छोड़ हाथी भगाने में समय बिताया। इधर, बकसपुर पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय लापा गारी में रखा मध्याह्न भोजन का सात बोरी चावल एवं आलू को जंगली हाथियों ने रविवार की मध्य रात्रि विद्यालय के मुख्य दरवाजा तोड़कर खाया एवं रौंद डाला। सोमवार की सुबह घटना की जानकारी कर्रा कार्यालय को दिया गया। तत्काल फॉरेस्टर अमर स्वांसी वन स्टाफ के साथ घटना स्थल पहुंचकर हाथियों द्वारा क्षति किया गया। जिसमें विद्यालय के शिक्षक को इस संबंध में लिखित आवेदन वन कार्यालय कर्रा में देने की बात कही। दरियागढ़ के ग्रामीण जगन्नाथ सनी बताया कि एक ठंडी रात में ठंड बढ़ गई है। रात को कुहासा की जगह अब पाला गिरने लगा है। जिसे सुबह में पाला और घास सफेद हो जाता है। और ऐसे ठंड भरी रात हाथियों का घर से ग्रामीण भयभीत रहते हैं। जंगल से हाथी रात को गांव में पहुंच जाते हैं इसे काफी परेशानी हो रही है। रात को एक हाथी गांव में घुस गया और थाना परिसर के पुराने भवन के दीवार को भी तोड़ा। इसे भगाने के लिए हम सभी ग्रामीणों को रजाई छोड़कर उठना पड़ा। और हाथियों को खदेड़े ।
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ASARUN SINGH
Dec 09, 2025 03:31:45
Farrukhabad, Uttar Pradesh:जनपद की सड़कों पर फैला मौत का सामान — ​सुइयां, इंजेक्शन और बायोमेडिकल कचरा, जो न केवल जानवरों को हिंसक बना रहा है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी गंभीर खतरा है। अस्पतालों से निकले हुए इस जहरीले कचरे का लाखों का ठेका सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की मिलीभगत से केवल एक कंपनी — ब्लू वर्ल्ड (या बिलवर्लर्ड जैसी) के हाथों में है। जनपद में सरकारी 46 और प्राइवेट 191 अस्पताल हैं, जहां से रोजाना बिलवर्ल्ड की ओर से 364 किलो और ग्रीन हाउस जैसी कंपनी 110 किलो मेडिकल कचरा इकट्ठा किया जा रहा है, लेकिन बाकी सड़कों पर फैल रहा है। नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन सड़कों पर फैले इस जहर को उठाने का दायित्व है, लेकिन उनकी सुरक्षा और जान की कोई चिंता किसी के दिल में नहीं। यह वही लोग हैं जो मौत का सामान उठाते-उठाते अपनी जान जोखिम में डालते हैं, जबकि प्रशासन मुंह छुपाए बैठे है। सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल लगातार अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कचरे को खुले में फेंकते हैं — उत्तर प्रदेश के 1027 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में से 564 में बायोमेडिकल कचरे के लिए उचित जगह ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही राजनीतिक रसूख की वजह से बढ़ती जा रही है। ब्लू वर्ल्ड कंपनी मनमानी कर रही है, लेकिन कार्रवाई के लिए जिनके हाथ में हैं, वह अफसोस के सिवा कुछ नहीं कर पाते। जिलाधिकारी आशुतोष द्विवेदी भी इस स्थिति से दुखी हैं और मेडिकल कचरा प्रबंधन पर निगरानी के निर्देश दे चुके हैं, पर ऐसा लगता है कि जो ताला कार्रवाई का खुलना चाहिए था, वह अब तक जमींदारों के हाथों में ही है। यह कहानी है एक व्यवस्था की, जो अपने जिम्मेवरों को बचाने के लिए जनता की जान को खतरे में डाल रही है। क्या इन मृत्युदूतों के साक्षी बनकर हम खामोशी से अपना सिर नीचा करते रहेंगे? हर सुई, हर इंजेक्शन जो सड़कों पर पड़ा है, वह सिर्फ जहर नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही और समाज की उदासीनता का प्रतीक है। अब वक्त है कि हम अपनी आवाज़ उठाएं, ताकि इस बीमारी की जड़ को काटा जा सके। यही नहीं, नगर पालिका कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। आखिर इस व्यवस्था की भेद खोलने का दायित्व किसका है? क्या हम चुप बैठे रहेंगे या उन अधिकारियों को जवाबदेह ठहराएंगे जो प्रशासन की इस विपदा पर नजरें बंद किए बैठे हैं? क्योंकि जब तक जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक यह सड़कें मौत का सामान बिखेरती रहेंगी और हमारे शहर की सांसें घुटती रहेंगी। जनता की ताकत ही ऐसे कुप्रबंधन को सुधार सकती है। उठिए, बोलिए, और बदलिए इस व्यवस्था को — क्योंकि हमारा हक है एक सुरक्षित और स्वच्छ जनपद।
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ADAjay Dubey
Dec 09, 2025 03:31:23
Singrauli, Madhya Pradesh:सिंगरौली जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समयसीमा बैठक में कलेक्टर गौरव बैनल ने अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी नाराज़गी जताई। बैठक में अनुपस्थित रहने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी रतिपाल ठाकुर और DPC आर.एल. शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। वहीं, पहले से लंबित CM हेल्पलाइन मामलों में सुधार न करने पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री त्रिलोक सिंह वरकड़े का सात दिनों का वेतन काटने का आदेश दिया गया。 कलेक्टर ने कहा कि समयसीमा बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, जिसमें शासन की प्राथमिकताओं और लंबित आवेदनों के त्वरित निराकरण पर निर्णय लिए जाते हैं। इसलिए जिला अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य है। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी विभाग से संबंधित भ्रामक खबरें सोशल मीडिया या मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने पर जनसंपर्क विभाग को तुरंत तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराई जाए。 बैठक में रोजगार मेले में चयनित उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग, किसानों को खाद-बीज उपलब्धता, शहर की खराब स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत और अमृत योजना के तहत क्षतिग्रस्त पेयजल पाइपलाइन के सुधार के निर्देश भी दिए गए। कलेक्टर ने धान उपार्जन केंद्रों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और किसानों के हित में सभी सुविधाएँ सुनिश्चित करने को कहा। शिक्षा विभाग को निःशुल्क कोचिंग कक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए। बैठक में अनेक जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
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ADArjun Devda
Dec 09, 2025 03:30:52
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ADArjun Devda
Dec 09, 2025 03:30:38
Harda, Madhya Pradesh:हरदा में छीपानेर रोड स्थित स्वागत गेट के पास एक युवक को चाकू मार दिया गया। हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसके बाद उसे प्राथमिक इलाज के बाद भोपाल रेफर किया गया है। विकास नगर निवासी विशाल पिता संतोष अंकले (23) पुताई का काम करता है। श्रीनगर कॉलोनी निवासी रोशन गोड़ ने उसे फोन कर स्वागत गेट के पास मिलने बुलाया। विशाल जब पैदल वहां पहुंचा, तो आरोपी रोशन ने गाली-गलौज करते हुए पीछे से उसके पेट के दाहिनी ओर चाकू मार दिया। चाकू लगने से विशाल की आंतें बाहर आ गईं। घटना के बाद लोगों ने विशाल के परिजनों को सूचना दी। उसके पिता उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाए, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे भोपाल रेफर कर दिया।
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ASAJEET SINGH
Dec 09, 2025 03:18:53
Jaunpur, Uttar Pradesh:फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले पार्टी नेता पर दबंगों का हमला, हालत गंभीर पुलिस पर लापरवाही का आरोप, वीडियो वायरल जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र स्थित कोरीडिहा–लपरी मार्ग पर समाज विकास क्रांति पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं महासचिव जंग बहादुर उर्फ जेबी राठौर पर हुए हमले ने इलाके में सनसनी फैला दी है। फर्जी डॉक्टरों और अवैध अस्पतालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाने वाले जंग बहादुर पर आधा दर्जन लोगों ने घात लगाकर जानलेवा हमला किया, जिसमें वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है。 जानकारी के अनुसार जंग बहादुर अपने घर अर्जनपुर (थाना खेतासराय) जा रहे थे, तभी रास्ते में कुछ दबंग कार सवारों ने उनकी गाड़ी रोक ली। हमलावरों ने उन्हें वाहन से बाहर घसीटकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट के दौरान उनके कपड़े फाड़ दिए गए और उन्हें अधमरा कर छोड़ दिया गया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने घायल नेता को अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराया。 पीड़ित जंग बहादुर ने सरायख्वाजा थाने में नामजद तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन आरोप है कि पुलिस एक आरोपी शिक्षक को बचाने में लगी हुई है और मुकदमा दर्ज करने में टालमटोल कर रही है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में नाराज़गी है। ग्रामीणों का कहना है कि जंग बहादुर लंबे समय से फर्जी डॉक्टरी और बिना लाइसेंस चल रहे अस्पतालों के खिलाफ अभियान चला रहे थे, जिनमें भ्रूण परीक्षण, गैरकानूनी ऑपरेशन और अन्य गंभीर अनियमितताएँ उजागर हुई थीं। कई अस्पतालों पर कार्रवाई भी की गई थी, जिसके बाद से उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही थीं। जंग बहादुर का कहना है कि इसी रंजिश में आरोपितों ने संगठित होकर उन पर हमला किया।
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MGMohd Gufran
Dec 09, 2025 03:18:18
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